माँ तेरे चरणों में .....
भगवती दुर्गा के अनेको नाम हैं - वे है महाकाली , महालक्ष्मी और महासरस्वती है। वे ही वैष्णो है , ज्वाला हैं , चिंतपुरनी हैं और अन्नपूर्णा भी । वे ही संसार को संसार को चलाने वाली एक मात्र परमशक्ति हैं । ब्रह्मा की रचना शक्ति , विष्णु की पालन और शिव की संहार शक्ति यही । यही परमशक्ति शाश्वत हैं , अखण्ड , नित्य ,और निर्विकार हैं । इसी परमशक्ति को निर्गुण व सगुन रूप में पूजा जाता हैं ।
एक बार दैत्य दुर्गमासुर ने सेना सहित भगवती पर आक्रमण किया तब देवी के दिव्य शरीर से काली,तारा , छिन्नमस्ता षोडशी , भुवनेशवरी , त्रिपुरभैरवरी , धूमावती , बगलामुखी , मातङ्गी और कमला दस महाविद्याएं प्रकट हुयी महाविद्याओं ने राक्षसी सेना मार डाली । देवी ने त्रिशूल से दुर्गमासुर को मार डाला तब देवी का नाम दुर्गा पड़ा ।
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